Monday, July 28, 2008


----ओस की बूंद सी---
ओस की बूंद होती है बेटी,
मासूम सी प्यारी नन्ही कली,
मन मैं ना हो कोई सवाल,
हर पल रखे सब का ख्याल
फिर भी क्यों नही सब को लगती अपनी,
ओस की बूंद सी .........
माँ ना दे लाड़ उस को,
बाप न रखे सिर पर हाथ,
दादी भी नही देती उस को लोरी,
नानी की कहानी सुनती चोरी चोरी,
ओस की बूंद सी होती है बेटी .........

2 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया, लिखते रहें.

Anonymous said...

bhut sundar jari rhe.
aap apna word verification hata le taki humko tipani dene me aasani ho.