Sunday, September 7, 2008

ख्याल

नाम लिया जब तेरा किसी ने,
लम्हों का फिर ख्याल सा आया हमें
जब साथ मिलकर, करते थे घंटों बातें
आज आवाज सुनने को मन तरसता है,
हंसी सजाने का वादा किया था,
आज क्यों तुमने फिर रूलाया हमें,
यादों के सहारे हम तो काट लेते,
जीवन का हर पल खुशी के साथ,
मेरी आंखों में बसे उन सपनों से,
आज फिर तुमने क्यों उठाया हमें,

3 comments:

रंजन राजन said...

अच्छा लिखा है।

मोहन वशिष्‍ठ said...

वाह जी वाह रजनी जी बहुत अच्‍छा लिखते हो लिखते रहो

Anonymous said...

सुंदर अभिव्यक्ति
अब और क्या कहें ............
वीनस केसरी