आज नई सुबह के साथ,
बदल रहा है सबकुछ ऐसे.
सुनहरी सूरज की किरणों से,
चमक रहा है जीवन फिर से,
चहके पंछी, महके बगियां.
फूलों पर भी आई रंगत,
मौसम भी लगे कुछ बदला,
बदरा भी छाने लगे घिर के..,
दूर गगन पर काले मेघा.
जैसे झूम झूम कर गाए,
मयूर की चाल भी बदली,
कोयल भी चहकी फिर से..
बदल रहा है सबकुछ ऐसे.
सुनहरी सूरज की किरणों से,
चमक रहा है जीवन फिर से,
चहके पंछी, महके बगियां.
फूलों पर भी आई रंगत,
मौसम भी लगे कुछ बदला,
बदरा भी छाने लगे घिर के..,
दूर गगन पर काले मेघा.
जैसे झूम झूम कर गाए,
मयूर की चाल भी बदली,
कोयल भी चहकी फिर से..